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About This Blog • » मेरे लिये कभी यह भोर की निद्रा, साँझ का आलस और रात्रि का सूरज....तो कभी एक नायिका का प्रेमी, जो उसे हँसाता है, रिझाता है और इश्क़ फरमाता है....कभी दुनियाभर की समझदारी की बातें कर दुनिया को अपने समझदार होने की दिलासा देता है....मेरे उन सभी क्षणों का साथी जबकि दुःख रुलाना और सुख हँसाना छोड़ देता है !