जाति-वर्ग और आरक्षण विरोधी मानसिकता बनाम संघर्ष और सफलता

>> 03 October 2011

क्या दलितों और आदिवासियों पर होने वाले जुल्म, अत्याचार, पक्षपात, शोषण, दमन, बलात्कार, मार-पीट से सम्बंधित कारगुजारियों को कभी इतने बड़े पैमाने पर यह लोग पोस्ट करते या समाचार को शेयर करते या किसी और के द्वारा की हुई पोस्ट को शेयर करते कभी दिखे हैं ?

जवाब आप सबको मालूम है कि " नहीं " ।

चन्द मामूली लोग जोकि अपने पूर्व के लोगों द्वारा किये हुए कुकृत्यों को गलत मानते हैं और जो जातिवादी भावना से ऊपर उठ गए हैं । वे ही आपको ये कार्य करते दिख जाएंगे ।

अन्यथा

वे अपने वर्ग विशेष, अपनी जाति, और केवल और केवल अपनी श्रेष्ठता के नशे में मदमस्त रहने वाले लोग आपको आरक्षण के विरोध में दिन और रात पोस्टें ठेलते और शेयर करते दिख जाएंगे ।

हाँ यदि आपने उनसे जाति के सिस्टम को समाप्त करने या जातिविरोधी बात की तो फिर आप देखिये वे किस कदर धर्म पर मुड़ जाएंगे । एकदम से कहेंगे कि आजकल कहाँ है जातिवाद ? हम सब एक हैं । सभी हिन्दू हैं । सभी ये हैं या सभी वो हैं ।

अरे मेरे भाई/बहन अगर सब एक हैं और जातिवाद नहीं है तो क्या ये समाचार पत्र और इंटरनेट पर देश के अलग अलग हिस्सों में होने वाली घटनाएं क्या अमेरिका के लोग आ आ कर करते हैं ।

बीते कुछ दिनों से आप इनके अंदर जलन की और अंदर दबी शैतानी/खुरापाती हरकतों को देख, पढ़ और सुन रहे होंगे । इससे आप इनकी मानसिकता को बहुत आसानी से समझ सकते हैं कि ये दलितों और पिछड़े लोगों द्वारा आगे के पायदान पर आ खड़े होने से कितने बौखलाए हुए हैं । इन्हें पहले तो विश्वास ही नहीं हो पा रहा है कि इनके द्वारा पीछे की ओर धकेल दिए गए वर्ग के लोग भी अपनी मेहनत से सबसे आगे आकर खड़े हो सकते हैं।

ये चाहते हैं कि जिन्हें इन्होंने आज तक हर किस्म की सुविधा, शिक्षा और हक़ से दूर रखा । वे लोग उससे दूनी ललक से और मेहनत से आगे बढ़ रहे हैं ।इन्हें विश्वास ही नहीं हो पा रहा है कि सदियों से पीछे धकेल दी गयी कई पीढ़ियों की जो नई पौध तैयार हो रही है वो बहुत बड़े बड़े विशाल पेड़ बनकर ही दम लेगी ।

दोस्तों जो जलते हैं उन्हें जलने दो । जो कुढ़ते हैं उन्हें कुढ़ने दो । जो चाहते हैं कि आप पीछे रहो । जो आपके आगे बढ़ने को देख नहीं पा रहे । जो ये सब सह नहीं पा रहे ।

उन्हें आप आगे बढ़ते हुए और सफलताएं अर्जित करते हुए अपना हुनर, अपनी काबिलियत दिखाते जाओ ।
उन्हें बता दो कि छल, प्रपंच, ढोंग, डर, कहावते, मुहावरे और उनके फैलाये जाल को तुम सब ठेंगा दिखाकर ऐसे ही आगे बढ़ते रहोगे ।

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