आई हेट यू डैड
>> 19 February 2009
तुम क्या गये ...लगा यूँ जैसे मेरे सपनों का दामन ही मुझसे छूट गया ... तुम्हारे साथ वो सपने , वो आजादी से जीने की चाहत भी जाती रही ... उस पल लगा कि जैसे सब कुछ ख़त्म हो गया हो ... मेरे पैरों तले जमीन मुझसे खींच ली गई हो ...मैं पानी में डूब रहा हूँ ...मेरा दम घुट रहा है ....मैं साँस नही ले पा रहा हूँ
अब कहने को तो आजाद हूँ ...पर पता है डैड अब मैं बारिश के आने पर खुश नही होता ... मेढकों को पकड़ने के लिए उनके पींछे नही भागता ....डरता हूँ फिसल गया तो गिरने पर कौन उठायेगा ... पतंग भी नही उड़ाता ...
आँखें सूज गयी हैं ...दर्द होता है ....नीद नही आती ...कई दिनों से ढेर सारी फिल्में देख डाली ....थकान होती है ....जागता रहता हूँ ...ये आजादी अच्छी नही लगती .... देर रात जागकर पढ़ते रहने पर भी ...मुझे कोई आकर नही सुलाता ...वो कहना तुम्हारा आँखें कमजोर हो जायेंगी ...याद आता है ...चश्मा भी चढ़ गया है अब तो ....
गोद में बिठाकर कोई अंग्रेजी नही पढाता .... जब टूट कर मायूस हो जाता हूँ ....तो कोई सीने से नही लगाता ....खुलेआम सिगरेट पीने पर भी अच्छा नही लगता ...देर रात सड़कों पर भटकने पर भी डर नही लगता .....मन करता है कोई टोके आकर .....बालों के बड़े होने पर ...अब कोई नही कहता ...कितना गधा लग रहा है ...कटा लेना कल जाकर
गर्ल फ्रेंड की शादी तय हो गयी है कहीं पर ....टूटकर बिखर जाने को है दिल करता .... सीने से लिपटकर है रोने को दिल करता ...मगर वो सीना मैं लाऊं कहाँ से .... नही हो पास जो तुम ये कह दो ...कर ले तू उससे शादी ....होगा जो, मैं देखूँगा उसको ...
खरीदता हूँ जब सिगरेट किसी भी दुकान से .... दूर कहीं से कोई बच्चा पकड़कर आता है अपने पापा की उंगली ....देखकर के आँखें भर आती हैं मेरी ...जब वो है कहता दिला दो पापा ये टॉफी ...वो ऊँगली अब मैं लाऊँ कहाँ से ....
जब सजता है किसी का सेहरा ....पास आकर के उसके एक शख्स पहनाता है सेहरा ....वो शख्स अब मैं लाऊं कहाँ से .....बहुत याद आता है गालों को पकड़ कर.. वो मेरे बालों को कंघी करना तुम्हारा ....बेफिक्र होकर के पार करने में सड़क को डर लगता है अब तो ....उंगली तो है पर वो हाँथ मैं लाऊँ कहाँ से ....
जब टूटकर बिखर जाता हूँ ....थक जाता हूँ बेतहाशा ....नही है कोई जो दे दे दिलासा ....नही है कोई जो लगा ले ..अपने सीने से ज़रा सा ....
I hate you dad. Why you left us ......
29 comments:
एक साया सा हट जाता है सर से..अति मार्मिक..आँखें नम हो आई.
सही कहा आपने मैने भोगा है इस दुःख को और आज भी दिन मे कई-कई बार ऐसा लगता है कोई तो टोके,कोई तो रोके।रुला दिया आपने तो,और क्या कह सकता हूं।
पढ कर आँखें नम हो गयी बहुत ही मार्मिक रचना है बहुत कुछ याद दिल दिया आपने शब्द निस्पंद हो गये हैं
क्या कहे.. दिल की गहराईयों से निकली आवाज है..
APNE DAD KE PRATI YE PYAR BANAYE RAKHNA , AISA NA HO SAMAY ISE DHO DALE......
I can understand that the pain you must be going through will be way more than the emotions I am feeling. My condolences are with you.
Also, I'd like to say that very few people in the world can express their emotions the way you have done. Your words pierce through the heart.
जब हम न रहेगे तब बहुत याद करोगे ....किसी बाप ने बेटे को लिखा था .ठीक लिखा था
आपने अपनी भावनाओं को बहुत सुन्दर शब्दों में ढाला है।
घुघूती बासूती
bahut sundar se aapne apni bhaavnaaoo ko likha hai....
लिखते लिखते सोचने लगता हू क्या लिखू दरअसल हर आदमी के जीवन में ऐसा वाकया होता है ये तो सत्य है लेकिन उस सत्य को आपने अपने जीवन से जोड़कर और भी मामिॆक बना दिया है । बढ़िया लिखा है धन्यवाद
दिल को छु लेने वाला लेख बहुत ही मार्मिक लेखन........बरबस आँखें नम हो आयीं
Anil ji , aapke dad kyon chle gaye ya aapke bich aisa kya hua jo aapko aisa likhna pda ye to hum nahi jante pr aapne jo likha wo kmal ka likha...Bdhai...!!
सच दोस्त कमाल का लिखा है। मेरे जैसा आदमी तो .....
Writer hiding behind a web designer ..
Anil Yaar, koi janta ho ya na janta ho, but main toh sab janta hoon yaar,
Kasam se tune apna dil nikal ke bahar rakh diya hai inn chand lines mein.
My father has been passed away recently on 6th January and suddenly I am coming to this poem.It's really like my own life which I am living now...
Simply Heart Touching...!!!
woow bahut sundar mere paas to shabd nahi hai tareef karne k liye............
Yaar Anil maine yeh blo bahut pahle hi pad liya tha but Hiaamt nahi thee kuch bhi kahne ki...par aaj maine likh hi diya hai yaar,Main samajh sakta hun teri in sab pareshaniyon ko......kyun mujhe to bahut kuch pata hai yaar tere baare main........Lekin ghabrana nahi mere bhai....Ishwar sab accha karega.......
Thanks Anoop for this valuable comment
Very nice and well expressed, god bless :)
Nice yaar.Well written.Emotions beautifully expressed.
very emotional!!!! my eyes were wet & mouth was dry while reading this.... I can't even think of this imagination, it gives a goose bomb....I am sorry, if it happened to you.... Father!! The biggest support, we can imagine in any & every situation & Mother!! The love we can feel always & everywhere.....
Very nice Anil!!!! you conveyed so many message through your this post.... "Apko naman is lekh k lie"
बरबस आँखें नम हो आयीं. I have nothing to say!
Dost.. tumne mujhe mere papa ki yaad dila di. main bhi unki kami behad mehsoos karta hoon..!
A father is biggest thief of the world who stolen all the stars & put them into your eyes
Aapka likha padh ke mujhe aur meri patni ko rona-sa aa gaya.Kash ki har beta ise padhe
हमममम सच में आँखों में आँसु आ गए।
i love u dad.......
अनिल जी आज तो आपने मुझे रूला ही दिया। आपके पास वाकई शब्दों को जीवंत करने की कला है। हर एक शब्द अपने आप में खुद को व्यक्त कर रहा है। वाकई आप जानदार हैं। आपसे गुजारिश है दिल से अपनी लेखनी को हमेशा जिन्दा रखिएगा। आपके भविष्य की शुभकामनाओं सहित,
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