अचानक से बस तेज़ ब्रेक के साथ रूकती है...जैसे कि ड्राईवर ने फुल पॉवर के साथ ब्रेक लगाया हो...बस में बैठे हुए सभी आगे की ओर गिरते से...उंघियाते और नींद लेते लोग वापस बस की खैर खबर लेते हुए...क्या हुआ ड्राईवर साहब...बस आगे नहीं जायेगी...क्यों...क्यों नहीं जायेगी...अरे आगे रास्ता ख़राब है...घना कोहरा है और आगे पेड़ टूटे पड़े हैं रास्ता जाम है...एक सज्जन बोले तो अब क्या करें...क्या करें का क्या मतलब...यहीं सामने वो होटल दिखाई पड़ रहा है...वहीँ कुछ इंतजाम देखिये...एक दूसरे सज्जन बोले अरे तो क्या हमने एसी बस का टिकट इसीलिए लिया था...ड्राईवर बोला...एसी बस का, रास्ता जाम होने से क्या मतलब...कमाल करते हैं आप भी...बस के कुछ यात्री मुस्कुराते से हैं...
बस के यात्री एक एक करके बस से उतरने लगते हैं...5 वें नंबर पर करीब 26 साल की खूबसूरत लड़की उतरती है और उसके पीछे उतरने वाली एक आंटी उनसे टाइम पूंछती हैं...क्या टाइम हुआ है बेटी...जी 2 बज रहे हैं...इस मुए मौसम को भी रात के २ बजे ही ख़राब होना था...ये कहते हुए वो अपने पतिदेव से कहती हैं ठीक से उतारियेगा...हाँ हाँ भाग्यवान तुम तो पहले उतर जाओ...
लगभग लगभग आखिरी में करीब 28 साल का लड़का उतरता है...उसकी पीठ पर बैग है और हाथ में गिटार...वो ड्राईवर के पास जाकर पूंछता है अब बस कब जायेगी...देखो अब तो सुबह होने पर ही पता चलेगा...ह्म्म्म
ओके...सभी फिर होटल की तरफ जाने लगते हैं...उस छोटे से होटल में बस के यात्री अपना बंदोबस्त जैसे तैसे कर लेते हैं
बाहर लाइट जल्दी दिखाई दे रही है...वो अपना गिटार उठाता है और बाहर की ओर कदम बढाता है...होटल के बाहर बैंच पड़ी हुई है...वो वहाँ जाकर बैठ जाता है...अपने गिटार को बजाने लगता है...गिटार बजाते हुए उसकी नज़र दूसरी ओर बैठी हुई लड़की पर जाती है...वो हाथ में किताब लिए हुए कुछ पढ़ रही है...गिटार की आवाज़ सुनकर वो उधर देखती है...और फिर से किताब पढने लगती है
तब तक होटल में काम करने वाला बुजुर्ग वहाँ आ जाता है...अरे इतनी रात आप बाहर कोहरे में बैठे क्या कर रहे हैं...ठण्ड लग जायेगी अन्दर चले जाइये...वो गिटार बजाना बंद करके पूंछता है चाय मिलेगी क्या बाबा...इस वक़्त तो मुश्किल है...अरे क्या बाबा हम आपके मेहमान हैं और आप हैं कि ऐसी बातें कर रहे हैं...अच्छा ठीक है...हम कोशिश करते हैं...अरे रुकिए दो बना कर लाइयेगा...दो क्यों...अरे आपकी वो भी तो मेहमान हैं...उस लड़की की ओर इशारा करते हुए कहता है...अच्छा अच्छा ठीक है...
मैं चाय नहीं पीती...वो बाबा के चले जाने पर बोलती है...क्यों...क्यों नहीं पीती कहता हुआ वो उधर ही जाने लगता है...अरे नहीं पीने के पीछे भी वजह तो नहीं होती...वैसे आपके लिए तो और भी जरूरी हो जाती है...आप इस कोहरे में भी बहुत मेहनत का काम कर रही हैं...किताब पढने की कोशिश...वो इस बात पर मुस्कुरा जाती है...वैसे लगता तो नहीं कि आप सिर्फ किताब पढने के लिए यहाँ बाहर कोहरे में बैठी हुई हैं...नहीं...मुझे खर्राटे सोने नहीं दे रहे थे तो मैं बाहर आ गयी...वो मेरे कमरे में जो लोग सो रही हैं उन्होंने खर्राटे ले लेकर मुझे सोने नहीं दिया...इसीलिए बाहर चली आई
तब तक वो बाबा चाय लेकर आ जाते हैं...लो बच्चा लोग पी लो चाय और जल्दी से अन्दर जाओ वरना ठण्ड लग जायेगी...बाबा मैं नहीं पीती चाय...अरे बिटिया पी के तो देखो अदरक वाली चाय है...ठण्ड में फायदा करेगी...वो चाय ले लेती है
दोनों चाय की चुस्कियां लेते हैं...अच्छा गिटार बजाते हैं आप...शुक्रिया कहता हुआ वो हल्का सा मुस्कुराता है...कहीं आपका नाम राज या राहुल तो नहीं...क्यों...राज या राहुल ही क्यों...अरे नहीं वो ऐसे ही...वो ना शाहरुख़ खान की फिल्मों में उसका नाम यही होता है ना...और वो अक्सर गिटार भी बजाता है...वो हँसता है...हा हा हा...नहीं नहीं नहीं...वैल मेरा नाम 'मानव' है और आपका...मैं पल्लवी...कहते हुए वो चाय की चुस्की लेती है...और फिर से दोनों के बीच खामोशी छा जाती है
आपको क्या लगता है सुबह कोहरा कम होगा...मानव पल्लवी से कहता है...पता नहीं...वो तो सुबह ही पता चलेगा...वैसे चाय अच्छी थी...हाँ मैं नहीं पीती लेकिन फिर भी मुझे अच्छी लगी...तो क्या करती हैं आप...आई एम अ राईटर...ह्म्म्म लगती भी हैं...क्या मतलब पल्लवी कहती है...नहीं मतलब आपके बोलने का अंदाज़ और पहनावा...पल्लवी मुस्कुरा जाती है....अच्छा आप क्या करते हैं...मैं आईआईटी से पास आउट हूँ और एक कंपनी में इंजिनियर हूँ.
तो आप राईटर हैं...क्या लिखती हैं आप...आई मीन...कौन से विषय आपके पसंदीदा हैं...पल्लवी बोली...कुछ भी...अच्छा जैसे प्रेम कहानियाँ मानव बोला...ना...मुझे लव स्टोरीज समझ नहीं आती...पल्लवी बोलती है...क्यों क्या बुराई होती है लव स्टोरीज में...मानव पल्लवी की ओर देखकर बोलता है...मुझे समझ नहीं आती...और ऐसा मुझे कुछ महसूस नहीं होता...और हम जिनसे रूबरू नहीं होते तब तक हम उस बात पर उतना यकीन नहीं करते...शायद यही वजह हो...और कम से कम मैं तो कतई नहीं...पल्लवी जवाब देती है...मानव मुस्कुराता है...क्या पता प्रेम कहानियाँ भी उसी तरह सच होती हों जैसे भगवान का होना लोग सच मानते हैं...बैंच पर बैठा 'मानव' आसमान की ओर देखते हुए बोलता है
पल्लवी बोली...लोग सच मानते हैं का क्या मतलब...आप नहीं मानते कि भगवान है...पता नहीं...आई मीन...मैं कन्फ्यूज्ड हूँ...उसके होने और ना होने के बारे में...मैं बीच में अटका हूँ...तो साफ़ तौर पर मैं ये भी नहीं कह सकता कि भगवान नहीं है...मानव उसकी ओर देखते हुए बोला...और प्रेम कहानियाँ...उनके बारे में क्या ख़याल है आपका...पल्लवी बोली...आई थिंक वो इसी दुनिया में होती हैं तो उनके होने पर भरोसा किया जा सकता है...जैसे तुम्हारे और मेरे होने पर...मानव बोला
लगता है आपकी लव मैरिज हुई है...पल्लवी बोली...मानव मुस्कुराता है...नहीं आई एम सिंगल...अच्छा क्यों...क्यों का क्या मतलब...नहीं की तो नहीं की...और वैसे भी रिश्ता निभाने के लिए एक वजह का होना बहुत जरूरी है...और मुझे वजह नहीं मिलती...शायद मैं रिश्ते निभाने में कमजोर हूँ...खैर मेरा छोडिये...आपने शादी क्यों नहीं की...मानव बोला...आप कैसे कह सकते हैं कि मैंने शादी नहीं की...पल्लवी बोली...बस यूँ ही आपको देखकर तो कोई भी बोल सकता है कि अभी आपकी शादी नहीं हुई...मुस्कुराते हुए मानव ने कहा...अच्छा ऐसा भी है...पल्लवी बोली...तो क्यों नहीं की आपने अभी तक...मानव ने फिर से पूंछा...
पता नहीं...पर हाँ शायद मैं ये देखना चाहती हूँ कि आखिर प्यार होता भी है या नहीं...कि क्या वाकई लोगों को प्यार होता है...और अगर होता है तो फिर मुझे भी होना चाहिए...और जब तक ऐसा नहीं है...तब तक शादी करने से क्या फायदा...पल्लवी बोली...कमाल है एक तरफ आप प्रेम कहानियों पर विशवास नहीं करती और फिर ये भी मानती हैं कि दो इंसान सच्चा प्यार भी करते हैं...मानव बोला...पल्लवी मुस्कुरा दी...शायद मैं भी एक आम सी लड़की हूँ इस मामले में...ये वजह हो सकती है
राईटर और एक आम सी लड़की...'नाईस कॉम्बिनेशन'...कहता हुआ मानव मुस्कुराता है...आप मुस्कुराये क्यों...पल्लवी बोली...नहीं वो ऐसे ही...वैसे आप तो खूबसूरत हैं...आपको चाहने वाले तो मिल ही जायेंगे...पल्लवी मानव की ओर अजीब सी आँखें करके देखती है...मतलब...मानव बोला...मतलब कि जैसे आपकी आँखें बहुत खूबसूरत है...इनमें ख़ास बात है...बहुत ख़ास...आपकी आँखें बहुत प्यारी हैं...कम से कम किसी को आपकी आँखों से तो 100% प्यार हो जायेगा...पल्लवी मुस्कुराती हुई कहती है...आप मेरे साथ फ्लर्ट कर रहे हैं...नहीं बिलकुल नहीं...मैंने कब किया...मानव बोला
तो आपकी फॅमिली में कौन कौन है...आपके पिताजी क्या करते हैं...पल्लवी मानव से पूंछती है...मानव उस सवाल को नजरंदाज करते हुए गिटार बजाने लगता है...आपको म्यूजिक पसंद है...आई मीन आपको गिटार पसंद है...पल्लवी से पूंछता है...हाँ मुझे म्यूजिक बहुत पसंद है...क्या सुनना पसंद करती हैं आप...कुछ भी जो सुनने में अच्छा लगे...ह्म्म्म ओके...तो कुछ सुनेंगी आप...हाँ क्यों नहीं पल्लवी बोली
मानव उसे एक गाने पर गिटार बजा कर सुनाता है...
"जरा नज़र उठा के देखो
बैठे हैं हम यहीं
बेखबर मुझसे क्यों हो
इतने बुरे भी हम नहीं..."
गाना ख़त्म होते होते मानव बोलता है...मेरा बाप मुझे और मेरी माँ को छोड़कर चला गया जब मैं 12 साल का था...और उसने दूसरी शादी कर ली...ओह आई एम सॉरी पल्लवी बोली...मानव मुस्कुराता है...इट्स ओके...तो आंटी जी क्या करती हैं...वो टीचर हैं...तब तक वो बुजुर्ग बाबा उधर आ जाता है...अरे बच्चा लोग तुम अभी तक यही हो...गए नहीं अन्दर...क्या करें बाबा नींद ही नहीं आ रही...पल्लवी बोली...वैसे आपकी चाय अच्छी थी...और पियोगी बिटिया...मानव कहता है अरे वाह उन्हें बिना कहे ही चाय पिलाई जा रही है...बाबा हंसते हैं...ठीक है पिला दीजिए बाबा पल्लवी बोली
और आपकी फॅमिली में सब...मानव पूंछता है...मेरी फॅमिली में...मैं,मम्मी और पापा...पापा फिजिक्स के प्रोफ़ेसर हैं...लिखना और पढना उनका शौक है...हमेशा किताबों में लगे रहते हैं...पल्लवी बोली...ह्म्म्म प्रोफ़ेसर...तभी आप उन पर गयी हो...लिखने और पढने में...मानव बोला...पल्लवी अपने हाथ में किताब को देखकर मुस्कुरा दी...क्यों आप नहीं पढ़ते कभी कुछ...हाँ कभी कभी...'बट ओनली लव स्टोरीज' मुस्कुराते हुए मानव बोलता है...
और वैसे भी मेरा मानना है कि प्यार तो हो जाता है...कब, कैसे, क्यों और कहाँ...पता भी नहीं चलता...उसके लिए दिन, महीने या साल नहीं लगते...जब होना होता है तो किसी एक पल, एक दिन या एक रात का होना ही काफी होता है प्यार के लिए
अच्छा ऐसा होता है क्या वाकई में...पल्लवी बोली...मानव बोला हाँ क्यों नहीं ऐसा ही होता है...जहां आपने सोचना शुरू किया नहीं और बस प्यार हुआ नहीं...फिर वही पल, वही बातें, वही दिन और वही शख्स आपको प्यारा लगने लगता है...और कब आपको प्यार हो जाता है आपको पता भी नहीं चलता...'कम ओन' ऐसा प्रेम कहानियों में ही होता है...पल्लवी बोली...हाँ तो जब प्यार होगा तभी प्रेम कहानी भी बनेगी...मानव मुस्कुराते हुए बोला
इंट्रेस्टिंग...वैरी इंट्रेस्टिंग...पल्लवी हंसते हुए बोली...देखना ये दुनिया गोल है...मानव उंगली घुमाते हुए बोलता है...चाहने और प्यार करने वाले इस दुनिया में हैं जो गोल गोल चक्कर लगा रहे हैं...आपके लिए भी कोई होगा जो चक्कर लगाते लगाते आपसे टकरा जायेगा और आपको पता भी नहीं चलेगा...मेरी बात याद रखना...हाँ हजूर बिलकुल याद रखेंगे आपकी इस बात को...मुस्कुराते हुए पल्लवी बोली...और फिर हंस दी...तब तक बाबा चाय लेकर आ जाते हैं...दोनों चाय लेकर पीने लगते हैं...
पल्लवी बोली...वैसे मेरी माँ तुम्हें बहुत पसंद करेंगी...उन्हें ऐसी बातों पर बहुत भरोसा है...वो पूरा यकीन करती हैं...और पता है उन्होंने पापा को खुद प्रपोज किया था शादी के लिए...वरना पापा तो थे किताबों में सर खपाने वाले...पता नहीं शादी करते भी कि नहीं...अच्छा ऐसी बात है...चलो इस वजह से आपका होना तो तय हुआ...मुस्कुराते हुए मानव बोला
और आपके पापा का क्या कहना है मानव बोला...अरे उनका रिसर्च और किताबों से ही पीछा नहीं छूटता...हाँ लेकिन मम्मी को प्यार बहुत करते हैं...'बोथ आर परफेक्ट'...सीखो उनसे कुछ...मानव बोला...क्या मतलब...पल्लवी बोली...मतलब यही कि 'मोहब्बत' कोई किताब नहीं जिसे लिखा या पढ़ा जाए...और ना ही इस इंतज़ार में बैठे रहे कि 'इसका जब बेस्ट एडिशन आएगा तो पढेंगे समय निकाल कर'...ये तो एक अच्छे मौसम की तरह आता है और तब आप छतरी तान कर खड़े ना रहे...कि अरे कहीं भीग ना जाएँ...मानव उसकी ओर मुस्कुराते हुए कहता है
उफ़ आप और आपकी बातें...आप कोई किताब क्यों नहीं लिखते...खूब बिकेंगी...पल्लवी बोली...अच्छा आप खरीदोगी...जी नहीं...तो फिर लिखने का क्या फायदा...क्या मतलब...कुछ नहीं कहता हुआ मानव बैंच पर बैठा आसमान की ओर देखता है
अच्छा कभी हवा में अपना आँचल उडाया है...या अपनी मर्ज़ी से बारिश में भीगी हो कभी...मानव पल्लवी से पूंछता है...क्यों पल्लवी बोली...अगर नहीं किया तो करके देखना...पल्लवी मुस्कुराते हुए अपना सर हिलाती है...कभी फुर्सत के लम्हें निकाल कर खुद को देखना और खुद के बारे में सोचना...आईने के सामने खड़ी होकर...जब आपको खुद से प्यार होने लगे तो समझना कि मेरी बातों में क्या है...मानव बोला
तभी उधर बस का ड्राईवर आवाज़ लगता है...भाई सब लोग तैयार हो जाओ 15 मिनट में बस जायेगी...ओह 'थैंक गौड' रास्ता साफ़ हुआ...पल्लवी बोली...हाँ चलो अच्छा है...मानव अपनी घडी की ओर देखता है...वैसे भी 6 बज गए...चलो चल कर हाथ मुंह धो लेते हैं...फिर जल्दी से चलना भी है...और फिर दोनों उठकर होटल के अन्दर जाते हैं...आगे जारी है
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