मोहब्बत तुम यूँ ही खिलते रहना । महकते रहना ।

>> 18 September 2015

तब तपती दोपहरें हुआ करतीं । दिन लंबे हो जाया करते । धूप हर वक़्त चिढ़ी चिढ़ी सी रहती । शायद एकाएक बढ़ गए तापमान से तालमेल ना बिठा पाने के कारण उसके साथ एक चिड़चिड़ापन आ जुड़ता. मैं तब रेलवे के उस क्वार्टर में किताबों में जी बहलाने के हज़ारों-लाखों प्रयत्न किया करता । कुछ पृष्ठ पढ़ लेने के बाद निगाहें बार बार सिरहाने पड़े फ़ोन पर चली जाया करतीं । मन में प्रतीक्षा की सुइयों का टिकटिकाना तेज़ होता चला जाता । हर बार फ़ोन को खोल देखता कि कहीं कोई मैसेज या मिस्ड कॉल तो नहीं । किन्तु वो ना हुआ करती और हर दफ़ा ही ऐसा हुआ करता ।

दोपहरें लंबी और उबाऊ हो जाया करतीं । फिर किसी बेहद मोहब्बत भरे क्षण में उसका कोई मैसेज आ जाया करता । तब लगता ही नहीं कि मैं यहाँ इस किराये के क्वार्टर में जून की किसी ऊबती दोपहर को खर्च कर रहा हूँ । तब लगता कि मैं उसके साथ हूँ । वो मेरे साथ है । ये मोहब्बत से भरे दिन हैं । जिनमें मैं जी रहा हूँ ।

कभी कभी वो अपने परिवार के लोगों से छुपते छुपाते कोई कॉल कर दिया करती । वो 2-4 मिनट की बात भी लगता कि जीने के लिए नई वजहें दे गयी है । उन मुश्किल भरे दिनों में कभी कभी हमारी मिलने की अंतहीन कोशिशों में कोई कोशिश कामयाब दिखती तो लगता कि जीवन खुशियों का समंदर है ।

इधर उधर उगी बबूल की झाड़ियों के बीच से निकलने वाले उस कच्चे रास्ते से जुडी हैं तमाम यादें. साथ चलते हुए खिलती थीं तुम्हारी मुस्कराहट की कलियाँ. और फिर वे फूल बन हर रोज़ ही मुझे मिलते उस राह पर.

नेशनल हाईवे नंबर दो पर खड़ा मैं तुम्हारे आने की प्रतीक्षा में तका करता हर उस ऑटो को जो आया करता तुम्हारी ओर से. प्रत्येक क्षण में मैं जीता स्मृतियों के संसार को. भावनाओं का समंदर मुझे बार बार ही आ भिगोता. और जब तक तुम आ न जाया करतीं मैं देखता रहता उस नेशनल हाईवे पर आने जाने वाले हर उस ऑटो को जिसमें तुम मुझे ना दिखा करतीं.

तुम्हारा आना, ऑटो का रुकना और तुम्हारी मुस्कराहट के संसार में मेरा शामिल हो जाना. वे क्षण स्मृतियों के धरातल पर हर दिन ही एक नया पौधा अंकुरित कर देते हैं । हर दिन ही खिलते हैं उनमें मोहब्बत के रंग बिरंगे फूल ।

मोहब्बत तुम यूँ ही खिलते रहना । महकते रहना ।

0 comments:

Post a Comment

आपकी टिप्पणी यदि स्पैम/वायरस नहीं है तो जल्द ही प्रकाशित कर दी जाएगी.

Related Posts with Thumbnails
www.blogvarta.com

  © Blogger template Simple n' Sweet by Ourblogtemplates.com 2009

Back to TOP