नोटपेड को डायरी बनाने का तरीका (बहुत आसान)

>> 12 October 2009

सोच रहा हूँ कि आज आपको कुछ तकनीकी बात बता दूं.
आप सदैव नोटपेड को किस तरह उपयोग करते हैं. उसमें कुछ भी लिख कर और उसका कुछ भी फाइल नेम देकर सेव कर देते हैं.

लेकिन अगर आप चाहते हैं कि जब भी आप उस नोटपेड को खोलें तो खुलने पर उसमें उस वक़्त का समय और तारीख लिखी हुई आये. फिर इस बार कुछ लिख देने और सेव कर देने के बाद अगली बार खोलें तो अगली बार का समय और तारीख व समय आये. तो दोस्तों ये बहुत आसान है.

आइए जाने कैसे ?

Step-1:

नोटपेड को खोलें और उस में .LOG लिख कर फिर अपनी मर्ज़ी से फाइल नेम डालकर सेव कर दें और नोटपेड को बंद कर दें.

Step-2:

अब उस नोटपेड की फाइल को खोलें, आपको उस वक़्त जो समय है वो लिखा हुआ दिखाई देगा और उस दिन की तारीख भी.

बस अब कुछ भी अपने मन का उसके नीचे लिखें और फिर इस फाइल को सेव कर दें और इस नोटपेड फाइल को बंद कर दें.

Step-3:

अब जब जब भी आप इस नोटपेड फाइल को खोलेंगे तो उस वक़्त का समय और तारीख उसमें लिखी हुई आएगी.

तो देखा किस तरह से आपने नोटपेड का एक डायरी की तरह उपयोग कर लिया.

22 comments:

विनोद कुमार पांडेय 12 October 2009 at 22:12  

डायरी बनाने का सबसे बढ़िया तरीका ..ना तो कलम ना कॉपी बस कंप्यूटर के सामने ही सब कुछ..बढ़िया भाई..धन्यवाद

संगीता पुरी 12 October 2009 at 22:38  

बस .log का प्रयोग करना है और यह उपयोगी हो जाएगी .. अच्‍छी जानकारी !!

राजीव तनेजा 12 October 2009 at 22:40  

बढिया जुगाड़ है ये तो...धन्यवाद

अनिल कान्त 12 October 2009 at 22:44  

संगीता जी ध्यान दें .log का नहीं .LOG का उपयोग करना है. ये case sensitive है.

Chandan Kumar Jha 12 October 2009 at 22:54  

मैनें करके देख लिया । बहुत उपयोगी है यह । धन्यवाद

Pooja Prasad 12 October 2009 at 23:25  

ये तो काम का टिप दिया आपने. थैंक्स.

दिनेशराय द्विवेदी 12 October 2009 at 23:57  

बहुत मजेदार है। डायरी बना ली है अब कुछ भी न छूटेगा।

अर्कजेश 13 October 2009 at 00:29  

सचमुच थोडे प्रयास में एक अचछी जानकारी ।

Himanshu Pandey 13 October 2009 at 06:58  

मजेदार और उपयोगी जानकारी । आभार ।

ओम आर्य 13 October 2009 at 08:35  

बढिया है सुझाव.....

अजित गुप्ता का कोना 13 October 2009 at 11:40  

प्रयोग करके देख लिया है, बढिया काम है। लेकिन नोट पेड पर लिखते समय लाइन चेंज नहीं होती है। बिना एंटर मारे लाइन स्‍वत: बदलनी चाहिए ना। उपाय बताए।

सुशील छौक्कर 13 October 2009 at 16:56  

अच्छी जानकारी जी।

महेन्द्र मिश्र 13 October 2009 at 18:32  

उपयोगी अच्छी जानकारी ....

अपूर्व 13 October 2009 at 19:28  

छोटा सा फ़ंडा है..और कितने काम का..और मजे की बात..इट वर्क्स!!!..भई बहुत शुक्रिया आपका.

Science Bloggers Association 14 October 2009 at 12:31  

बडी गजब की चीज बताई है आपने। आभार।
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rashmi ravija 14 October 2009 at 12:35  

बड़े काम की बात बतायी आपने...शुक्रिया...
एक नज़र इधर भी डालें..एक ज्वलंत विषय पे कुछ लिखा है...

http://mankapakhi.blogspot.com/

निर्मला कपिला 14 October 2009 at 13:57  

आपने बहुत uकाम की बात बताई है धन्यवाद्

प्रकाश पाखी 15 October 2009 at 00:12  

आपका मशविरा बड़े काम की चीज है!

नीलिमा सुखीजा अरोड़ा 15 October 2009 at 15:51  

ये तो बहुत काम की टिप है, शुक्रिया

लता 'हया' 21 October 2009 at 01:01  

shukria;gazal pasand karne ke liye aur is takniki jankari ke liye.

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