गुजरे हुए दिनों से सिफारिश !!
>> 09 October 2009
बचपन की सुबह बहुत प्यारी होती थी...सुखद एहसासों वाली सुबह जब तब याद आ ही जाती है. उन बचपन के दिनों में एक ख़ास दिन भी हुआ करता था जब माँ सुबह उठते ही मुझे बाहों में भर कर गोद में ले लेती और ढेर सारा दुलार करती. नहीं माँ मुझे और सोना है...थोडा और सोने दो न माँ...और माँ गोद में लेकर यूँ ही मुझे उठा लेती...आँगन में ले जाकर मुझे नहलाती और फिर अपने हाथों से कंघी करती और कुछ देर बाद उनके हाथ में एक थाली होती...माँ मेरा तिलक करती और मुझे खाने को मिठाई देती...स्कूल जाते हुए माँ मेरी जेब में 10 रुपये रखते हुए कहती कि चोकलेट खा लेना...तुझे पसंद है ना.
शुरू के दिनों में पता नहीं था कि इस ख़ास दिन क्या होता है और ना ही याद रहता कि ये ख़ास दिन कब आता है. लेकिन हमेशा एक सुखद एहसास लेकर आता वो दिन. उन दिनों स्कूल में अपनी क्लास में बच्चे अपने जन्म दिन पर टोफियाँ बाँटते या फिर मिठाई. उस दिन पता चलता कि फलां बच्चे का जन्म दिन है आज इस लिए वो टॉफी या मिठाई बाँट रहा है.
एक रोज़ स्कूल से लौटते ही मैंने माँ से पूंछा...माँ मेरा जन्म दिन कब आता है...माँ मुस्कुरा दी. बोली क्यों क्या हुआ...नहीं बताओ ना कि मेरा जन्म दिन कब आता है...माँ मुस्कुराते हुए और सुई का धागा मुंह से काटते हुए बोली तुझे नहीं पता...मैंने कहा नहीं तो...माँ ने मुझे गोदी में बिठाते हुए सर पर हाथ फेरते हुए बोला...जिस दिन मैं तुम्हारा तिलक करूँ समझ जाना कि उस दिन तुम्हारा जन्म दिन है. मैंने कहा पर माँ सभी बच्चे तो उस दिन स्कूल में टॉफी बांटते हैं अपने जन्म दिन पर, लेकिन मैं क्यों नहीं...माँ ने कहा तुम्हारे जन्म दिन की टोफियाँ कहीं और बांटी जाती हैं...मैं बोला कहाँ...वो बोली अबकी बार तुम खुद अपने हाथों से बाँट देना...मैं खुश होते हुए बोला अच्छा ठीक है.
कुछ रोज़ बाद एक खूबसूरत सी सुबह माँ ने मुझे दुलार करते हुए गोद में उठा लिया और नहलाने के बाद तिलक किया. मैं खुश हो गया...क्या माँ आज मेरा जन्म दिन है...हाँ, माँ बोली...माँ मुझे उस सुबह मंदिर ले गयीं और जब हम मंदिर के बाहर लौटे तो माँ ने जो फल खरीद रखे थे वो मेरे हाथों में देते हुए बोली कि सामने जो लोग बैठे हुए हैं ये उन्हें बाँट दो...मैंने उन्हें देखा वो बहुत असहाय और भूखे थे...उस रोज़ मुझे वो फल बाँटते हुए बहुत ख़ुशी मिल रही थी.
स्कूल जाते हुए माँ ने मेरी जेब में 10 रुपये रखे और बोला कि आज शाम को तुम अपने दोस्तों को बुला लेना खाने पर. मैंने माँ को मुस्कुराते हुए देखा...और माँ के गले लगते हुए उनके गाल पर चूमते हुए स्कूल को चल दिया. उस रोज़ मैंने अपनी क्लास में अपने दोस्तों को बताया कि मेरा आज जन्म दिन है और सभी को शाम को माँ ने घर पर खाने के लिए बुलाया है. इंटरवल में मेरी गर्ल फ्रेंड 'निगार' मेरे पास आई और बोली कि मैं तो नहीं आ पाऊँगी अनिल...सॉरी...मैंने पहले मायूस होकर जमीन की ओर देखा फिर मैंने अपनी जेब से 10 रुपये निकाल कर चोकलेट खरीद कर उसे खाने को दी...उसने आधी तोड़ते हुए मुझे दी...और मेरे गाल पर किस करते हुए कहा 'हैप्पी बर्थ डे'...मैं मुस्कुरा गया.
उस शाम वो मेरा पहला जन्मदिन था जो सामूहिक रूप से मनाया गया...और मेरे ढेर सारे दोस्त...अंकल-आंटी लोग आये...उस दिन बहुत कुछ 10 से जुडा हुआ था...मैं उस दिन 10 साल का था...उस दिन महीने का 10 वां दिन था...और महीना भी 10 वां था...और वो चोकलेट भी 10 रुपये की थी जिस के बाद मुझे 'बर्थ डे किस' मिली थी :)
कमबख्त ये 10 अक्टूबर जब भी आता है...अपने से जुडी ढेर सारी यादें मेरे आस पास छोड़ जाता है...माँ की गोद, माँ का ढेर सारा प्यार...बचपन के दोस्त...किशोरावस्था के किस्से...कॉलेज के यार और उनके साथ बिताई महफिलें...वो हुडदंग...सब कुछ ऐसा लगता है जैसे कि मेरे आस पास ही आकर बैठ गए हों...और मुस्कुरा रहे हों !!
चित्र: गूगल से
40 comments:
माँ मुस्कुराते हुए और सुई का धागा मुंह से काटते हुए बोली तुझे नहीं पता.
वाह अनिल भाई ! क्या फोटो खिंची है माँ की.. बिलकुल ऐसी ही होती है माँ..
जहाँ तक मेरा ख्याल है कल भी दसवे महीने का दसवा दिन है.. बधाई तो हम दे ही देंगे.. पर दस रूपये वाली चोकलेट कहाँ है..?
कुश भाई वो चोकलेट खरीदने का मन नहीं होता...उसका आधा हिस्सा खाने वाली उस 'गर्ल फ्रेंड' को बचपन अपनी उंगली थाम के अपने साथ ले गया :)
पता नहीं कहाँ होगी :(
बड़ी ख़ूबसूरत यादें हैं बचपन की....जन्मदिन की अनेक शुबकामनाएं.
अनिल भाई, वह चौकलेट खिलाने वाला वाकिया बहुत मजेदार लगा !
bachpan ki sunder yaadein,janamdin ki badhai.
वाह, क्या अन्दाज है लेखन का! बहुत खूब!
बचपन की यादें ख़ूबसूरत तो होती ही हैं,बहुत खूब
बचपन की यादे हमेशा दिमाग से विस्मृत नहीं होती है . बढ़िया संस्मरण
जन्मदिन की ढेरो बधाई और असीम शुभकामनाये ....
बहुत खूब!जन्मदिन की ढेरो बधाई और शुभकामनाये
bahut hi khoobsurati ke saath aap apni yaadon ko pirote hain...
bachpan ki yaadon ko kitni khoobsoorti se piroya hai.........
Dil ko chhu gayi aapkki kalam...bahut khoobsurat...
Tum jiyo hazaaron saal saal ke din hon pachaas hazar....
बहुत खूब!जन्मदिन की ढेरो बधाई और शुभकामनाये !!!
आपकी क़लम और अभिव्यक्ति दोनों बेजोड़ है..सुंदर संस्मरण..
ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो...
भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी...
मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन...
वो कागज़ की कश्ती, वो बारिश का पानी...
बस फर्क इतना है कि हमें स्कूल जाते वक्त 10 रुपये नहीं 10
पैसे या हद से हद चवन्नी-अठन्नी ही मिला करती थी...जिस दिन एक रुपया मिल जाता था उस दिन तो हम बादशाह हो जाया करते थे...
जय हिंद...
जन्मदिन की बधाई अनिल जी....
आप १० वर्ष की आयु मे भी इतने प्रगतिशील थे...जानकर और भि हर्ष हुआ..:)
जन्मदिन की बधाई अनिल जी....
आप १० वर्ष की आयु मे भी इतने प्रगतिशील थे...जानकर और भि हर्ष हुआ..:)
चॉकलेट जैसी मीठी यादों भरी अभिव्यक्ति... बेहद खूबसूरत... और जन्मदिन पर चॉकलेट जैसी ही ढेर सारी मीठी शुभकामनाएं हमारी तरफ से :-)
आपका अंदाज़ बहुत पसंद आता है...
स्मृति के गलियारों की सैर..
फिर उनकी प्रभावशाली अभिव्यक्ति...
सबसे पहले जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं। यादों की गलियों की बेहतरीन तस्वीर पेश कर दी आपने। "माँ माँ ही होती है" और हाँ आज थोडा समय अपने लिए भी निकाल खूब मौजा करना।
A very happy bday... ..n again a very nice article...liked it...
जन्म-दिन की हार्दिक बधाई अनिल......तस्वीर शब्दों की तो कमबख्त ऐसी खींचते हो कि क्या कहूं
समस्त शुभकामनाओं इस विशेष दिन के लिये...
आप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया :)
जन्मदिन की बहुत बधाई अनिल भाई.. खुशियों से भरा ट्रक आपके आँगन में आकर पलट जाए.. यही दुआ है..
शुक्रिया कुश भाई !!
जन्मदिन की बधाई अनिल जी....
अनिल कुमार जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई।द्स रूपये वाली चाकलेट से मनाये गये पहले जन्म दिन की तरह हर जन्म दिन यादगार हो और ईश्वर से प्रार्थना करूंगा कि वैसा ही जन्म दिन उसी दोस्त के साथ फ़िर से मनाने का मौका दे,ऐसा हुआ तो इसे मेरी ओर से गिफ़्ट समझ लेना।वैसे मेरी भतीजी पारूल का जन्म दिन मई मे आता है तो वो जनवरी-फ़रवरी किसी भी महीने किसी तारीख को जन्म दिन मनाने के लिये स्कूल चाकलेट ले जाती है।
anil ji
janamdin ki hardik badhayi......sach kitni sukhad yaadein hoti hain bachpan ki .
Happy Birth day to you my swtest bhai
BEHAD HI KHUBSOORAT ABHIWYAKTI .........ANIL BHAYI
BADHAAI ANIL JI ... BAHOOT BAHOOT BADHAI JANAM DIN KI ...... AAP AISA LIKHTE HO JO DIL KO KHAINCH LE JAATA HAI .......
bachpan ki yaadein taza ho gayi....
बहुत खूबसूरत यादें हैं ये डायरी का पन्ना तो मैं पढ ही नहीं पाई थी। शुभकामनायें
ारे असली बात तो भूल ही गयी अनिल जी जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई फिर भी समय रहते याद आ गया। आपको और आपके परिवार को दीपावली की भी शुभकामनायें हमारे हिस्से का केक जरूर रख लीजियेगा ।उधार रहा
शुक्रिया आंटी जी
आपका केक सलामत रहेगा :)
अनिल जन्मदिन की बहुत badhaai , पर देरी से विश कर रही हूँ.
नीलिमा जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया
Janamdin ki haardik bidhaayi .I'm so late .
Thanks Bhavya :)
Post a Comment