एक अधूरी प्रेम कहानी का हिस्सा
>> 19 May 2009
तुम न बिल्कुल भी रोमांटिक नहीं हो ....अच्छा तो रोमांटिक लोग कैसे होते हैं मैंने कहा....वो मुस्कुरा दी....बताओ न कैसे होते हैं रोमांटिक लोग.... जो ढेर सारा प्यार करते होंगे....और जो ढेर सारी प्यार की मीठी मीठी बातें करते होंगे.... तो करता हूँ न मैं तुमसे ढेर सारा प्यार ... अच्छा पर कभी कहते तो हो नहीं...क्या कहूँ ...अच्छा तो बताओ कि तुम मुझसे कितना प्यार करते हो
ह्म्म्म्म मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूँ ... मैं तुम्हें सबसे ज्यादा प्यार करूँगा...बहुत ज्यादा ...हमेशा ऐसे ही.....जब तुम मुझसे रूठ जाया करोगी तो तुम्हें मनाया करूँगा ....जब तुम थक जाया करोगी तो तुम्हारे बालों को सहलाया करूँगा....और चुपके से तुम्हारे कानों में कहा करूँगा 'आई लव यू' ...कहूँगा कि हाँ तुम ही हो सबसे प्यारी ... हाँ तुमसे ही है मेरी दुनियाँ ...
तुम जब नहीं होती हो आस पास मेरे तो लगता है जैसे बिल्कुल अकेला हूँ ....सुनसान हैं ये गलियाँ ...ये रास्ते...वीरान है ये जिंदगी...कोई भी तुम बिन अब मंजिल नहीं ... न ही कोई सोच है ...न अब कोई सवाल है ...न ही किसी जवाब का इंतजार है...क्योंकि जब तुम नहीं तो कुछ भी नहीं
जब हम हो जायंगे मियाँ और बीवी ....कहोगी जब तुम कि अजी सुनते हो ... तो मुस्कुराता हुआ तुम्हारे पास जाया करूँगा ... कहूँगा कि क्यों पुकारा ...और तुम्हारे कहने पर कि चखना ज़रा इसका स्वाद कैसा है ...कड़वे को भी मीठा बताया करूँगा ... हो जाओगी जब तुम परेशां ...तो पिकनिक पर तुम्हें ले जाया करूँगा ... शोपिंग ही सही ...तुम्हारी ख़ुशी की खातिर हँसते हँसते अपनी जेब हलाल करवाया करूँगा ....
चली जाया करोगी जो मायके...पीछे से...मायके से ले जाने आ जाया करूँगा....हाँ तुम हो मुझे जान से प्यारी ये तुमको जतलाया करूँगा...करेंगे जो परेशान बच्चे कभी तो... उनकी खबर लिया मैं करूँगा
अच्छा ख़बरदार जो मेरे बच्चों पर हाथ भी उठाया तो.... अच्छा जी अब बच्चे इतने प्यारे हो गए अभी से ....और नहीं तो क्या ...ओके बच्चों को कुछ नहीं बोलूँगा...अब खुश ...अच्छा इतना प्यार करते हो मुझसे ....हाँ बहुत-बहुत-बहुत .....सच्ची .....हाँ सच्ची मुच्ची ...पक्की पक्की ....
उफ़ ये अलार्म की घंटी को भी अभी बजना था ....हाँ पर सच ही तो है बहुत बहुत प्यार था ...तभी तुमसे की हुई बातें आज भी सपना बनकर रातों को जगाती हैं .... हाँ ये खुली आँखों के सोचते से सपने ऐसे ही होते हैं ....
तुम ना जाने कहाँ होगी ..... मेरे पास तो बस अब तुम्हारा ख़याल ही है
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23 comments:
रोचकता से लबरेज लेखन। बधाई...
बहुत बेहतरीन पीस--अनिल!
anil ji kahani kehane kaa andaaz bahut hi khoobsoorat hai lajvab hai vo andaz jise kuchh shabdon me hi sare jivan ke sapnokaa sach bian kya hai badhai
Anilji,
Behad pasand aayee aapki rachna..kab padhna shuru kee, kab khatm huee pataahee nahee chala..aur ek dardkaa ehsaas chhod gayee..mujhe nahee pata ki,in ehsaanmese guzar kehee aisi rachnaa banti hai yaa nahee..kamse kam mai, inmese guzare bina naa to samajh patee naa likh hee paatee...!
Aap naa guzaren, ye dua hai meree..!
bhai aapne bahut behtreen likha hai .... ye dard ...ye chahat ...aur us chahat ka nasha ...aapne jis tarah se likha hai wo bahut kabile tareef hai
kitna dard samete hue hai ye ...aapki kalam mein jadu hai
Kaun kehta hai ki aap Romantic nahi hain :)
aur ye ishq bhi bada jaan leva hota hai
aapne jis tarah dil mein base hue dard ko purani yadon ke sahare yahan rakha wo bahut behtreen hai
behtarin hai....mujhe is tarah likhna abhi tak nahi aata,khair har ek ka apna style hota hai...so aapka style bahut accha hai.
सुन्दर संवेदनशील लेखन.....
बहुत रोचक ढंग से कोमल भावों को प्रस्तुत किया आपने...
अनिल जी...........
बेहतरीन तरीके से व्यक्त किया है.......प्यार की इस लम्हे को.............और अंत भी लाजवाब........अब तो बस याद ताजा है ....क्या बात है
बड़ी ही संवेदनशीलता से लिखा है आपने । सुन्दर रचना । आभार ।
its really wonderful.i hv no words...aap ne etna achha likha hai....or its really really romantic too....
Very very nice Anil!! terrific piece. Keep this style of writing it suits you the best. One of your best that I have read so far.
Thank you Sujata Ji, Raj ji, Himanshu Ji, Digambar Ji, Neha Ji, Ranjana Ji, Manorma Ji, Sudhir Ji, Shama Ji, Nirmla Ji, Sameer Ji, Ashabd Ji...
aap sabhi ka bahut bahut shukriya
aapko mera likha hua pasand aaya
choti kahani aur behad ruchikar, shayad isi ko kahte hain..kahanikaar jo prarambh se ant tak pathak ko kahani se jode rakhti hain....choti, khoobsurat aur lajawaab post
keep writing anil...very well...
इस अनूठे आशिक से मिलने का मन करने लगा है अब तो....
प्रिया जी और शेफाली जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया
और गौतम सर जी आपसे मिलना तो मेरे लिए फक्र और सौभाग्य की बात होगी
इस देश की रक्षा करने वालों से बड़ा आशिक कौन होगा ...जो देश से हमेशा अपनी आशिकी निभाते रहते हैं
Man...that was very sweet.....Well u r a silent romantic guy....:P
Hmmmm aise baatein sapno mein bhi yaad aati hai....hope yeh sach bhi ho jaye kabhi....
keep writing..:)
Cheers
अधूरी प्रेम कहानी का पूरा सच पढ़ा, अच्छा लगा.
बहुत सुन्दर , क्या प्रेम है बस जरा घंटी जल्दी बज गयी .
sundar ati sunadr
sapne achhe dekhte raho... post ki tarah... :-)
bahut hi achcha likha hai aapne.. ab to main aapke blog regularly visit karti hun aur hamesha kuch naya padhne ko milta hai..... likhte rahiye....
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