एक हसीन ख्वाब
>> 30 July 2009
बादल का एक टुकडा आकर के बोला
देख चाँद लेकर आया हूँ तेरे लिए
मैंने देखा उसे करीब से
और आँखों में सजा लिया
एक हसीन ख्वाब सजा कर के आँखों में
वो मतवाला हो गया उड़न छू
अभी रहने दो मुझे नीद में
देखने दो मुझे ख्वाब
फिर क्या पता
नींद आये ना आये
22 comments:
Bada pyar aa raha hai badal par...aakhir mazara kya hai :)
very romantic poem bhai...
waise khwab mein kise dekh rahe hain aap
"Dekh chand lekar aaya hoon tere liye "...wow , what a romantic line !!!
बहुत सुन्दर कविता इस प्यार भरी अभिव्यक्ति के लिये बधाई
Thanks Aunty Ji, Bhavya, Manorama and Sudhir....Thansk a lot
kya baat hai anil bhai ......antim ki panktiyan to kamaal ki hai .....jo sidhe dil me uatar gaee
बढिया अनिल कान्तजी,
सूक्ष्म कर दिया, थोडा और खींच लेते तो और भी बढ़िया लगती !
प्यारी सी बात कह दी।
अभी रहने दो मुझे नींद में
देखने दो मुझे ख्वाब
फिर क्या पता
नींद आये ना आये।
अति सुन्दर।
अभी रहने दो मुझे नीद में
देखने दो मुझे ख्वाब
फिर क्या पता
नींद आये ना आये
क्या बात है अनिल जी, सुन्दर रचना।।
itna haseen khwab dekhenge to kaun jagna chahega..........waah!bahut khoobsoorat.
अभी रहने दो मुझे नीद में
देखने दो मुझे ख्वाब
फिर क्या पता
नींद आये ना आये ...apki kavita bhi khoobsurat kwab ki tarah hai...
SUNDAR !
bahut hi khoobsoorat kavita.........badhai sweekar karen..........
भाव भरी रचना..
मगर
ख्वाब तो ख्वाब है
आंखों में सजाया न करो
टूटे जो पल भर मे
उससे दिल लगाया न करो
aap to kahaniya likhte hain....ye kavita ka rukh kaise..... but achcha likha hai ......keep writing
मूड में लिखा .. लगता है..
अजी हम कहाँ लिखते हैं प्रिया जी कुछ ...
जो दिल कहता है वही लिख जाता है ...
वैसे जल्द ही कहानी भी लिखूंगा...
जागते रहो, जागते रहो............स्वप्न तो कभी सच नहीं होते...जागते रहो........:)
Waakai haseen.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
bhut sundar rachna
वाह अनिल जी बहूत ही खूसूरत ख्वाब है ये.......... काश कोई नींद से न जगाये
bahut sundar kavita mitr vhavo ki itni sundar avhivyakti man mugd ho gaya merai badhayi swikaar kare
saadar
praveen pathik
9971969084
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