आओ सुनाऊँ प्यार की एक कहानी
>> 12 June 2009
तुम कहती थी कि तारों के टूटने पर विश पूरी होती है चाहे जो भी माँगो....सब मिलता है....या फिर वो जब तुम पलक का कोई बाल टूटने पर अपनी बंद मुट्ठी के ऊपर रख उसे अपनी आँख बंद करके उड़ाती...तो सच एक पल तो मेरा दिल भी यही दुआ माँगता कि काश ये सब बातें सच हों...बिलकुल तुम्हारे होने की तरह....ठीक मेरे सामने बैठे हुए मुस्कुराने की तरह...मुझे चाहने की तरह.....मुझे मँगाने की तरह...काश कि इन दुआओं में असर हो...काश कि तारे के टूटने पर विश पूरी होती हो...काश कि ये पलक का बाल कुछ जादू चला जाये ....
याद है कि एक बार अपनी आँखें बंद कर तुमने जब वो पलक का बाल उड़ाया था...और आँखें खोलने पर तुम्हारी आँखें गीली हो गयी थी...और तुम मेरे सीने से लिपट कहने लगी थी....कि मेरे बिना तुम्हारी जिंदगी कैसी होगी...तुम मेरे बिना जिंदगी के बारे में सोच भी नहीं सकती...और तुम मुझे किसी और के साथ अपनी जिंदगी गुजारते हुए नहीं देख सकती...कभी नहीं....कभी भी नहीं....सच बहुत मुश्किल हो गया था तुम्हें चुप करना....
इन बीते हुए लम्हों को छलांग लगा पार कर एक बार फिर से वही सब जीने को मन करता है....दिल करता है कि यूँ ही तुम्हारे करीब एक शाम गुजारूँ....बिलकुल करीब....जिनकी खुशबू आज भी मेरी साँसों में बसी हुई है....वो जो मुस्कराहट जो चेहरे पर खिला करती थी.....उस मुस्कराहट को बंद मुट्ठी में कर तुमसे मांग लेने को दिल करता है....सच एक बार फिर से तुम्हारे सीने से लिपट जी भर कर रोने को दिल करता है....तुमसे कहने को दिल करता है कि....तुम नहीं तो कुछ भी नहीं....तुम्हारे बिना जिंदगी वीरान है....ये चोकलेट, आइसक्रीम, वो ख़त, वो तुम्हारी दी किताबें, वो गुलाब की पंखुडियाँ, वो वादे....वो शामें....वो मुलाकातें जब तब मुझे तुम्हारी याद दिलाती हैं.....कहना चाहता हूँ कि जिंदगी तुम्हारे साथ गुजारूं....कहना चाहता हूँ कि ये जिंदगी तुम्हारे बिना कुछ नहीं...कुछ भी तो नहीं
फासले जो थे
तेरे मेरे दरमियाँ
उन फासलों को
मिटाया था तुमने
अल्फाज़ जो कह ना पाए
अपने दिलों की दास्ताँ
उन अल्फाजों को प्यार करना
सिखाया था तुमने
मांगी थी हर दुआ तुमने
मेरी खातिर
इतनी दुआओं के बाद भी
दर्द ही हिस्से
आया अपने
ये एहसास भी अजीब है....पाने का एहसास.....खोने का एहसास....ख़ुशी का एहसास....और ये कभी न ख़त्म होने वाले दिल के दर्द का एहसास
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32 comments:
बहुत अच्छा..
जो भी हो.. बहुत अद्भुत अहसास..
आप गद्य लिख रहे थे कि पद्य समझ नहीं बैठा। प्रयास अच्छा है, लेकिन हमारे मारवाड़ी में कहते हैं न घपड़चोथ हो गई। सच कहंू मुझे समझ ही नहीं बैठा किस तालमेल को कहां जोडूं।
लेकिन हां, भावनाओं को शब्दों में उकेरने का शानदार प्रयास है भाईजान।
प्रवीण जी
मैं बस दिल की बात लिख रहा था....
दिल की बात दिल तक पहुँचती हुई...
बहुत खूब..
भई हमने तो मेल बैठा लिया पर एक बात है दिल की बात यूं जबां तक नहीं आती जब आती है तो बहुत जज्बे के साथ आती है।
अल्फाज जो कह ना पाए थे
अपने दिलों की दास्तां
उन अल्फाजों को प्यार करना
सिखाया था तुमने...।
बहुत खूब
शब्दों के फेर में ना पड़िये जनाब, भावनाओं को समझो.......भावनाएं सब खुद-ब्-खुद बयान करती जायेंगी.....
साभार
हमसफ़र यादों का.......
वह अनिल भाई..प्रेम दीवानों के लिए तो सुन्दर प्रेम पत्र लिख दिया अपने यादों के झरोखे से...कमाल का लिखा है..आपका पढ़ना हमेशा ही अच्छा लगा है
बहुत ही उम्दा लिखा है आपने जो काबिले तरीफ है!
फिसलता हुआ गद्य है अनिल भाई । मोहक अभिव्यक्ति । आभार ।
hriday sparshi ........
atyant uttam post
badhaai !
मन के अहसास शब्दोँ मेँ बिखर ही गये -
- लावण्या
पलक का एक बाल मै भी उड़ा रहा हूं कि तुम्हारी हर इच्छा पूरी हो जाये।टूटते हुये तारे को देख कर विश करने के लिये रात तक़ इंतज़ार करना होगा लेकिन यकीन मानो आज अगर बादल नही रहे तो मै टूटता हुआ तारा भी देख लूंगा।बहुत अच्छे अनिल,बहुत बढिया।
dil kee baaten dilon tak pahunche...yahee kaamna hai....
आपकी इस पोस्ट को पढ़ कर दिल सोच रहा है थोड़ा सा रुमानी हुआ जाए :)
वाह.............अनिल जी.........क्या लिखा है........... दिल के करीब से........... सचमुच एहसास ऐसे ही होते हैं
Very romantic post indeed...Lucky girl to have such romantic spouse like you.. :-)
anil ji bhut muskil hota hai beete waqt ka laut aana .....
bhut muskil
agar aa sake to main is waqt ko har bar wapas bula lena chahungi
kyoki is waqt jo bhi hai bhut achchha hai par is waqt ke ghujar jane ke baad jo hoga bhut bura hoga
par main ye janti hu ki ek bar jo chale jate hai kabhi laut kar nahi aate bas ...unki yaad hi aati rahti hai shayad waqt ka us par joor nahi hota
ek baat kahu comment karte karte aaj ankh bhar aai meri hi kahani kikh di aap ne
Thanks preposterous girl
and thanks all for ur valuable comments
very nice....!!
sunder post! jindgi aage badhne ka naam hain. harbans Rai bachchan ki kuch panktiyan yaad aa gai
" JO beet gai, so baat gai,
jeevan mein ek sitara tha,
mana wo behad pyara tha,
jo doob gaya so doob gaya,
amber ke aanan ko dekho,
kitne iske tare toote,
kitne iske pyare choote
par bolo tute taron par
kar amber shok manata hain
Jo beet gai so baat gai
दिल से लिखने वाला ही दिलदार होता है मित्र, दिल से लिखा गया ही सबसे अच्छा होता है। वैसे दिल तो सबसे अच्छा होता है तो फिर दिल से लिखा गया कैसे अच्छा नहीं होगा।
अच्छे लेखन के लिए बधाई
ऐसे ही लिखते रहे आप अनिल भाई
apni baat pathkon tak sahi tareeke se pahucha paana hi lekhan ki safalta hai. aur aap ismein poorn roop se safal hue.
accha laga padh kar, bas aise hi likhte rahein.
badhai
anil ji
har shabd mein dard,tadap ka aisa sammishran hai ki kya kahun........har baat kuch aise kahi gayi jaise wo samne baithi ho aur aap use kah rahe hon.........ek naksha sa kheench diya.........lajawaab.
बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति .............लाजवाब
anil bhai, uttam lekh aur rachna ke liye badhai.
mere blog par aane aur comment karne ke liye hardik dhanyawaad, punah padharen.
achchhi rachana. badhai
खूबसूरत !
very nice and romantic
फिर से आशिक होने को जी कर रहा.....थोड़ा रोमानी हो जायें
फासले जो थे तेरे मेरे दरमियाँ
उन फासलों को मिटाया था तुमने
अल्फाज़ जो कह ना पाए थे
अपने दिलों की दास्ताँ
उन अल्फाजों को प्यार करना
सिखाया था तुमने
मांगी थी हर दुआ तुमने
मेरी खातिर
इतनी दुआओं के बाद भी
दर्द ही हिस्से आया अपने
eske baad kahne ko kuchh rah hi nahi gya......dard hi hisse aya...
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