मैं जिस दिन भुला दूँ तेरा प्यार दिल से
>> 09 April 2009
आप सभी ने मेरी अब तक कवितायेँ और कहानियाँ पढ़ी .... आपको मैं ये बताना चाहता हूँ कि मैं गाने का भी शौक रखता हूँ ...मेरी आवाज़ में गया हुआ ये गीत सुनिए और अगर आ सके तो आनंद उठाइए ...जब भी समय मिले तब सुन लीजिये ....आप सभी की टिप्पणियों का इंतजार रहेगा कि आपको मेरी आवाज़ कैसी लगी ...नीचे के लिंक (बटन) पर क्लिक करके आप सभी ये गाना सुन सकते हैं .....हाँ आवाज़ थोडी ज्यादा करके सुनना ...धीमी आवाज़ में ज्यादा मज़ा नहीं आएगा :) :)
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suno na --suno na sun lo na
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मैं जिस दिन भुला दूँ
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25 comments:
गाना सुनते हुए टिप्पणी कर रहा हूं । आवाज अच्छी है । और भी गाने इसी तरह सुनाते रहिये ।
अनिल भाई , और कोशिश की जरूरत है , ठहराव में कहीं कहीं कमी है । आपको ओडासिटी साप्टवेअर से इस गीत को अगर संगीतमय करके प्रस्तुत करते तो और भी मजेदार बन जाता । प्रयास अच्छा है । आप कवि , लेखक तो पहले ही थे अब इस रूप में देख सुखद अनुभूति हो सरही है ।
नीशू भाई ये बिना किसी सोफ्टवेयर की एडिटिंग के आवाज़ है ...और हाँ मैं आपकी बात पर जरूर गौर करूँगा ...आगे से पूरी कोशिश रहेगी
बिल्कुल अनिल जी रिकार्डिंग से पता चल रहा है । सुनो ना सुनो ना यह गीत आपने बेहतर तरीके से गाया है पहले वाले गीत की तुलना में । अनिल जी संगीत का साथ हो जाने गीत और भी सुन्दर लगने लगता है ।
अनिल जी
आपकी आवाज़ मधुर है.............नाजा आ गया गीत सुन कर
shukriya neeshoo bhai, digambar ji, himanshu ji
bahut achhi aawaz hai,gaana sunana madhur anubhav raha.
सुन्दर !!..आपकी आवाज मधुर है ..दूसरा गाना ज्यादा अच्छा लगा
अभी तो मैं आप का गाना नहीं सुन पाया (ऑफिस में हूँ ). पर रात को जरुर सुनुगा !
बहुत बढिया गाया है।अच्छी आवाज है।
बहुत मस्त आवाज है भाई.
रामराम.
भाई अभी सुन नहीं पाया सुनूंगा जरूर एक बात और अगर डाउनलोड करने का ऑप्शन भी रख दें तो बहुत ही अच्छा लगेगा
Likhana-gana dono jaari rakho.. shubhakamana.
कितनी प्रतिभा है तुममें ... बहुत अच्छा लगा तुम्हारा गाना।
बहुत अच्छी लगी आपकी आवाज़ ..बढ़िया है यह हुनर भी आपका
बहुत बढ़िया मित्र। ब्लॉग आपकी समग्र अभिव्यक्ति का माध्यम होना चाहिये! प्रयोग विभिन्न विधाओं में जारी रखें।
anil ji gaana sunkar achcha laga aapki ruchi achchi hai.....
बहुत खूब,
दूसरे गीत को खूब मन से गाया है आपने, बधाई स्वीकारें।
अनिल भाई ,
आपका गाया गीत पसँद आया -
ऐसे प्रयास करते रहीयेगा --
- लावण्या
सुर -ताल के भी धनी हैं आप- बधाई
अच्छा गाते हैं,आवाज़ भी अच्छी है,थोड़ा रियाज़ की ज़रूरत है।मुझे भी गाना गाने की इच्छा हो रही है मगर अपन टेक्निकल साईड़ मे तो सेंट-परसेंट ज़िहियेरो हैं,।गाते रहिये,गुनगुनाते रहिये॥
दोस्तों आप सभी का शुक्रिया
मेरी हौसला अफजाई के लिए ...आपके कमेन्ट आये अच्छा लगा
jitna achcha likhte hain gaate usse bhi achcha hain sun ke bahut achcha laga aur aasha hai ke aage bhi aap ki aawaj sun ne ka awsar milta rahega
शुक्रिया गौरव भाई
और हरा हो जाता मेरे उपवन का तोता
होते मेरे गीत, तुम्हारा कंठ अगर होता
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