सच्चा प्यार बनाम बी प्रैक्टिकल
>> 02 April 2009
कहते हैं सच्चा प्यार कभी नहीं मरता ...वो हमेशा जिंदा रहता है ....इंसान मर जाता है लेकिन प्यार नहीं मरता ....कितना अच्छा लगता है ये सब सुनना .....हो सकता है ये संवाद (Dialogue) किसी फिल्म में बोले गए हों .....पर माफ़ करना ऐ दोस्त क्या वाकई ऐसा होता है
मैं तो चलो बहुत पीछे हूँ आशिकों की कतार में ...पर उनका क्या जिसे एक नहीं, दो नहीं पूरे तीन तीन बार सच्चा प्यार हुआ .....मतलब उनकी तीन सच्चे प्यार की कहानियाँ सुनी जाया करेंगी .....
जैसे कि जब उन्हें पहली बार सच्चा प्यार हुआ तो खूब जोरों से हुआ .....लड़की की एक झलक पाने की खातिर उन्होंने क्या क्या पापड नहीं बेले ....कॉलेज बस में तभी चढ़ते जब उनकी महबूबा उसमें होती ...वगैरह वगैरह .....और जब लाइब्रेरी की सुनसान गलियों और खामोश किताबों के दरमियान उन्होंने इजहारे मोहब्बत किया तो लड़की ने ये कह उनके प्यार को अमर कर दिया कि हम दोनों अलग अलग जाति के हैं तो ये संभव नहीं ...मैं अपने परिवार की ही मर्ज़ी या अपनी ही कास्ट के लड़के से शादी कर सकती हूँ ....तब हो सकता है कि किताबों की रूह पर एक नया अध्याय फिर से जुड़ गया हो कि प्यार तो मर सकता है किन्तु जाति प्रथा और जाति के बारे में विचार कभी नहीं मर सकते ....
चलो एक बार इंसान गलती करके सुधर जाता है ...लेकिन फूटी किस्मत उन्हें दोबारा सच्चा प्यार हो गया ...उस मोहल्ले की लड़की से जहाँ रह वो इंजीनियरिंग कर रहे थे .....चलो इस बार पूरी दीन दुनिया से बेखबर हो लड़की ने उनका प्यार कबूल किया और फिर दोनों ने प्यार के सागर में गोते लगाये .....पर बेचारी किस्मत, बेचारा आशिक इस बार भी मारा गया ...राजपूत लड़की से प्यार कर बैठा ....जिसके बाप की कंपनी भी थी ....उसके बाप ने अपनी पॉवर का इस्तमाल करते हुए वहां के कुछ लोकल गुंडों की सहायता ले ऐसा खदेडा कि जिंदगी भर वो प्यार याद रहेगा ....
वो तो भला हो हम जैसे दोस्तों का जिन्होंने वक़्त पर खबर मिलते आशिक दोस्त को रफूचक्कर कर दिया और बाद में आशिक दोस्त के बदले वो गुंडे हम जैसे दोस्तों को लपेटे में ले गए ...और हमे खूब धुना ...पर कसम से हमने जुबान नहीं खोली ...वरना ना जाने आशिक दोस्त का क्या होता ...एक दोस्त तो अपना सूजा हुआ गाल लेकर 15 दिन तक उस प्यार का शोक मनाता रहा .....बाद में लड़की ने ये कह दिया कि मेरे माता पिता की इज्जत है ...और उनके खिलाफ जाकर में तुमसे इस प्यार को आगे नहीं बढा सकती और न ही शादी कर सकती ......क्योंकि तुम्हारी और हमारी जाति अलग है .....
दोस्तों ने मिस्टर आशिक दोस्त को समझाया कि ओ भैये तुझे अपनी ही जाति में (लड़का अनुसूचित जाति का था) कोई लड़की नहीं मिलती मरण के वास्ते .....प्यार करने के वास्ते .....फिर ये दूसरे मामले ने इतना तूल पकडा कि मामला एम.एल.ए तक जा पहुंचा ...और जैसे तैसे लड़के के पिताजी ने अपने जिले के एम.एल.ए की सहायता ले मामला रफा दफा किया ...बेचारे इस प्यार के चक्कर में घर में थू थू हुई इज्जत की सो अलग ....
और फिर भी ना माने ये आशिक महोदय ...तीसरी बार भी ये सच्चा प्यार कर बैठे .....लड़की भी दिलो जान से फ़िदा थी इन पर और दोनों ने खूब दिल खोल कर प्यार किया ...खूब मिले ,फिल्में देखीं, साथ खाना खाया और प्यार की पींगें बढायीं .....पर गलती इस बार भी हो गयी ...भाई साहब इस बार भी दूसरी जाति की लड़की से प्यार कर बैठे .....अब हो गया न बेडा गरक ....लड़की के माँ बाप और भाइयों ने लड़की के मार पीट कर हाथ गोड इकट्ठे कर दिए .....और तमाम धमकियों के साथ मरने मारने की कसमें खा डाली .....लड़की को ऐन वक़्त पर याद आ गया कि वो अपने परिवार से ज्यादा प्यार करती है .... लड़के का सच्चा प्यार रोने लगा और खुद से ही कहने लगा ....ये तो कोई बात नहीं हुई .....फिर सच्चा प्यार कैसे करते हैं
एक मेरे अन्य मित्र हैं इन्होने चन्द दिनों में अपने ऑफिस की लड़की से प्यार की पींगें बढा ली ...और एक दिन लड़की को अपने कमरे पर ले जाकर उसकी रजामंदी सहित प्यार पूरा कर लिया ....और बी प्रैक्टिकल के कागज़ में लपेट कर कंडोम को कूडेदान में फेंक दिया .....कुछ दिनों तक बी प्रैक्टिकल के प्यार को चला दोनों ने एक दूसरे को भरपूर प्यार किया और कई सारे बी प्रैक्टिकल के कागज़ में लिपटे कंडोम कूडेदान में डाले .....फिर एक दिन बी प्रैक्टिकल के नाम पर दोनों ये कहकर अलग हो गए कि शायद हमारा रिश्ता चल नहीं सकता .....
एक दिन हमारे ये दोस्त उसी लड़की से एक मॉल में टकरा गए ...लड़की अपने नए बॉय फ्रैंड के साथ थी और ये अपनी नयी गर्ल फ्रैंड के साथ .....फिर दोनों ने एक दूसरे से मिल हाई हैलो किया ...एक दूसरे के गर्ल फ्रेंड और बॉय फ्रैंड से परिचय करा आगे बढ़ गए ......कमाल है भाई ये बी प्रैक्टिकल .....चलो इसमें जाति प्रथा तो नहीं आई ...ना ही लड़की को अपने माता पिता की इज्जत की चिंता हुई ......खूब प्यार किया बी प्रैक्टिकल के साथ
एक मेरे अन्य मित्र हैं जिनका पिछले 8 साल से अफेयर चल रहा है और उनकी अभी शादी नहीं हुई ...वो दोनों एक दूजे से ही प्यार करते हैं ...हालांकि जाति अलग अलग है ....पर रो पीट कर लड़की के घर वाले इस लड़के से शादी के लिए राज़ी हो गए .....अब कोई परेशानी भी नहीं फिर भी शादी नहीं हुई ....पहले लड़के पर जॉब नहीं थी तो परेशानी ....जब लड़के को जॉब मिल गयी तो लड़की अपनी जॉब के माध्यम से विदेश जाने की चाह की खातिर ....और अच्छी रकम कमाने की खातिर सच्चे प्यार को शादी का इंतज़ार करा पूरे 1 साल के लिए विदेश के टूर पर निकल ली .....सच्चे प्यार को छोड़ ऑस्ट्रेलिया चली गयी ....हाँ बात तो होती है दोनों की ...और लड़की ख़ुशी ख़ुशी वहां पर दोस्तों के साथ खिचाये फोटो भी दिखाती है ...बहुत खुश है वो ....
खुला माहौल है न वहां तो मिनी से भी मिनी स्कर्ट और जींस के ऊपर दिखने वाली चड्डी की फोटो भी खिंचाती है और ख़ुशी ख़ुशी फूली नहीं समाती है .....और अपने इस सच्चे प्यार को दिखाती है ....फिर इस लड़के को वो कही हुई बात याद आती है कि जब उसने इसी अपनी महबूबा से कहा था चलो 2-4 दिन के लिए शिमला घूम कर आते हैं ...तब बोली थी कि घरवाले क्या सोचेंगे ...वो क्या कहेंगे .....अब बार में जाकर दोस्तों के साथ वहां दारू भी पी लेती है ....डांस वगैरह ....अब भाई खुले माहौल में गए हैं तो लुत्फ़ तो उठाना चाहिए ......अब इंडिया में इतना आसान कहाँ ये सब .....फिर कभी कभी उसकी अपने सच्चे प्यार से बीच बीच में लडाई भी होती है ......और कह उठती है कि मेरी अपनी भी कोई प्राइवेट लाइफ है ....पर कोई गल नहीं जी ...8 साल का प्यार है तो टूटने वाला नहीं इतनी आसानी से .....कोई फिक्र नहीं जी शादी तो हो ही जायेगी ...जल्दी क्या है ..पहले दोस्तों के साथ प्राइवेट लाइफ तो जी लें ...आखिर सच्चा प्यार जो है ......
फिर एक दिन बैठा मैं इन सच्चे प्यार बनाम बी प्रैक्टिकल की थ्योरी समझने की कोशिश कर रहा था .....फिर वो पंक्ति याद आ गयी कि सच्चा प्यार कभी नहीं मरता .....हाँ हाँ भाई किसी फिल्म का संवाद (Dialogue) भी हो सकता है :) :).....पर क्या वाकई ऐसा होता है
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23 comments:
मुझे दस बार सच्चा प्यार हुआ है। झूठ नहीं बोल रहा, न ही अप्रैल फूल बना रहा हूँ। मेरा दसवाँ प्यार भारतमाता है, और अब बस वही है! फिर चाहे कोई जो भी समझे!
दिलचस्प किस्से दिए हैं आपने...हमारे समाज में इस तरह की कहानियां हर गाँव शहर में मिल जाएँगी...बहुत रोचक पोस्ट....
नीरज
मेरे एक मित्र है उन्होंने ऑरकुट पर अपना नाम बदलकर
true luv means only sex....................
लिख दिया है तो उनसे सभी ने एक ही सवाल किया
"तो अब तक आपने कितनी बार सच्चा प्यार किया ? "
सच्चे प्यार बनाम बी प्रैक्टिकल की थ्योरी में बी प्रैक्टिकल ज्यादा और प्यार कम हो गया है .
आपने आज के हालातों और सच्चाई पर ...प्यार के बारें में और उससे जुडी जाति प्रथा के बारे में अच्छी पोस्ट लिखी है .....हमारे समक्ष पेश करने के लिए शुक्रिया
आप बहुत अच्छा लिखते हैं ...मैंने आपकी और भी पोस्ट पढ़ी हैं ...बहुत ही मार्मिक और दिल को छो लेने वाली पोस्ट हैं ....
अनिल भाई .... बी प्रेक्टिकल यार !!
रोचक किस्से हैं आपके अनिल जी..........और रोचक अंदाज. बहुत खूब
बहुत सही है सच्चा सच्चा-ऐसे ही करते रहो!!
आजकल इसी को सच्चा प्यार कहते हैं....
बहुत अच्छा! बढ़िया लिखा है. कालेज के ज़माने में हमारे कुछ दोस्तों का नारा था - "प्यार अपनी मर्जी से, शादी बाप की मर्जी से".
अक्सर शुरूआत तो सच्चे प्यार से होती है, पर आखिर में बी प्रैक्टिकल होना ही पडता है।
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तस्लीम
साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन
अनिल जी सच्चा प्यार खूब पढ़वाया आपने...आठ साल,उसके पहलेदो चार साल और जोड़ दें...तो वो जनाब शादी क्या बुढापे में करेंगे....बस आपका अंदाजे बयाँ ..रोचक है...बाकी तो ये दुनिया-आनी-फानी ...hai
विधु जी रोना तो इसी बात का है कि लड़का ३२ साल का हो चुका है ...लड़की को अभी कोई ख़ास चिंता नहीं क्योंकि वो अभी २६ कि ही है
अनिल भाई , बहुत खूब । आपको पढ़कर मजा आ जाता है ।
शुक्रिया भाई जान
बढ़िया लिखा...
खबरें प्रकाशित करने से रोकने का आदेश देने से कोर्ट का इनकार
एचटी मीडिया बनाम भड़ास4मीडिया : सुनवाई की अगली तारीख 24 जुलाई
शैलबाला-प्रमोद जोशी प्रकरण से संबंधित खबरें भारत के नंबर वन मीडिया न्यूज पोर्टल भड़ास4मीडिया पर पब्लिश किए जाने के खिलाफ एचटी मीडिया और प्रमोद जोशी द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट में दायर केस की पहली सुनवाई आज हुई। वादी एचटी मीडिया और प्रमोद जोशी की तरफ से दायर केस में भड़ास4मीडिया के एडिटर यशवंत सिंह और तीन अन्य को प्रतिवादी बनाया गया है। हाईकोर्ट में दर्ज इस केस संख्या सीएस (ओएस) 332/2009 की सुनवाई हाईकोर्ट के कोर्ट नंबर 24 में विद्वान न्यायाधीश अनिल कुमार ने की।
इस दौरान एचटी मीडिया और प्रमोद जोशी की तरफ से हाजिर हुए वकील ने केस निपटारे तक भड़ास4मीडिया पर एचटी मीडिया और इससे जुड़े लोगों से संबंधित खबरें प्रकाशित न करने देने का आदेश पारित करने का अनुरोध कोर्ट से किया। इस बाबत एचटी मीडिया और अन्य की तरफ से कोर्ट में अर्जी भी दी गई थी। कोर्ट ने इस अनुरोध को ठुकरा दिया। प्रतिवादियों की तरफ से दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील निलॉय दासगुप्ता ने कोर्ट को जानकारी दी कि कुछ प्रतिवादियों ने नोटिस 29 मार्च को रिसीव किया है और एक प्रतिवादी के पास अभी तक नोटिस सर्व नहीं हुआ है। इस पर कोर्ट ने वादी एचटी मीडिया और प्रमोद जोशी के वकील को सभी प्रतिवादियों को नोटिस समेत सभी जरूरी दस्तावेज मुहैया कराने के आदेश दिए। प्रतिवादियों को अगले चार हफ्तों में जवाब दाखिल करने को कहा गया है। मामले की अगली सुनवाई की तारीख 24 जुलाई तय की गई है। प्रतिवादियों के वकील निलॉय दासगुप्ता ने बाद में बताया कि एचटी मीडिया और प्रमोद जोशी की तरफ से जो केस दायर किया गया है, उससे संबंधित जो नोटिस प्रतिवादियों के पास भेजा गया है, उसमें कई चीजें मिसिंग हैं। उदाहरण के तौर पर नोटिस के पेज नंबर 117 पर जिस कांपैक्ट डिस्क के होने का उल्लेख किया गया है, वो नदारद है। साथ ही सभी प्रतिवादियों को अभी तक नोटिस सर्व नहीं हुआ है। ऐसे में कोर्ट ने वादियों के वकील को सभी दस्तावेज व कागजात प्रतिवादियों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। वेबसाइट पर वादियों से संबंधित कंटेंट पब्लिश न करने को लेकर जो अनुरोध कोर्ट से किया गया, उसे नामंजूर कर दिया गया।
बी प्रेक्टिकल ....यही फंडा है भाई
ये भी केमिकल लोचा है
बकौल आमिर खान .....सच्चा प्यार कई बार हो सकता है .....वैसे एक बात तो माननी पड़ेगी की उन दोनों ने जितनी बार भी किया सच्चा प्यार ही किया
क्या भाई जी इमोशनल होते जा रहे हैं बी प्रेक्टिकल.
प्यार की परिभाषा बदल ही गई, अब प्यार प्रदर्शन की वस्तु बना दिया गया है।
अच्छा लिखते हो, बधाई
is very good writer you good
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